आज टेक इंडस्ट्री में सबसे बड़ी रेस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि (AI) की है। इस रेस में Meta (पहले Facebook) के CEO Mark Zuckerberg भी पीछे नहीं हैं। उन्होंने AI सुपरइंटेलिजेंस बनाने का सपना देखा है और इसी के लिए बड़े स्तर पर इन्वेस्ट और टैलेंट हायर किया। लेकिन अब हालात ऐसे हैं कि Meta के अंदर AI turmoil यानी उथल-पुथल मच गई है। क्यों- आइए समझते हैं।
Meta का AI मिशन
Mark Zuckerberg ने AI को भविष्य की सबसे बड़ी ताकत माना है और Meta के अंदर Superintelligence Lab ( सुपर इंटेलिजेंस लैब ) बनाया है।
इसमें उन्होंने बड़े-बड़े नामों को हायर किया, जिनमें Scale AI के CEO Alexandr Wang (एलेग्जेंडर वांग ) और GitHub (गिटहब )के पूर्व CEO Nat Friedman (नट फ्रीडमन ) जैसे लोग शामिल हैं। मकसद था – Meta को AI की दुनिया में टॉप प्लेयर बनाना।
लेकिन ये सपना जितना बड़ा था, उतनी ही बड़ी चुनौतियां भी सामने आने लगीं है।

अंदरूनी उथल-पुथल
Meta ने AI रिसर्चर्स को हायर करने के लिए अरबों डॉलर तक ऑफर किए गए। कुछ को तो $1 बिलियन तक की डील मिली, फिर भी, बड़ी संख्या में टैलेंट ने कंपनी छोड़ दी। क्यों?
वर्क-लाइफ बैलेंस की समस्या
लीडरशिप स्टाइल को लेकर असहमति
बार-बार ऑर्गेनाइजेशन स्ट्रक्चर बदलना (6 महीने में 4 बार री-स्ट्रक्चर)
AI टीम के कई बड़े नाम जैसे Ethan Knight, Avi Verma, Rishabh Agarwal ने इस्तीफा दे दिया। इससे Meta के AI प्रोजेक्ट पर बड़ा असर पड़ा।
यही नहीं, कुछ रिसर्चर्स ने तो हायर होने के बाद जॉइनिंग भी कैंसल कर दिया। एक समय ऐसा भी आया जब Shengjia Zhao, जो ChatGPT टीम से जुड़े थे, को Meta में सबसे बड़ी जिम्मेदारी दी गई – Chief AI Scientist।
$50 बिलियन का डाटा सेंटर प्लान
AI की दुनिया में आगे रहने के लिए सिर्फ टैलेंट ही नहीं, बल्कि पावरफुल इंफ्रास्ट्रक्चर भी चाहिए। इसी वजह से खबर है कि Meta अमेरिका के Louisiana में $50 बिलियन (करीब 4 लाख करोड़ रुपये) का AI डाटा सेंटर बनाने की तैयारी कर रहा है।
इस प्रोजेक्ट की जानकारी खुद डोनाल्ड ट्रंप ने पब्लिक की। हालांकि Meta ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की, लेकिन इतना तय है कि Mark Zuckerberg की प्लानिंग बहुत बड़ी है।
जोखिम और उम्मीदें
Mark Zuckerberg का AI दांव बहुत हाई-रिस्क है, एक तरफ टैलेंट का पलायन, टीम में असहमति और बार-बार स्ट्रक्चर बदलना, दूसरी तरफ अरबों डॉलर का निवेश।
लेकिन अगर ये प्लान सफल हो गया, तो Meta AI की दुनिया में गेम-चेंजर बन सकता है। वहीं, अगर चीजें फेल हुईं तो ये सबसे बड़ी कॉर्पोरेट फेलियर स्टोरी भी हो सकती है।
➤ इस पूरी कहानी का सार यही है – Mark Zuckerberg AI turmoil Meta के लिए एक सबक है कि सिर्फ पैसा और बड़े सपने काफी नहीं होते, सही टीम और सही कल्चर भी जरूरी है।
डिस्क्लेमर
इस ब्लॉग में दी गई जानकारी विभिन्न समाचार स्रोतों, मीडिया रिपोर्ट्स और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डेटा पर आधारित है। इसमें उल्लेखित योजनाएँ, आंकड़े और घटनाएँ समय के साथ बदल सकती हैं। Meta या Mark Zuckerberg से संबंधित किसी भी दावे की आधिकारिक पुष्टि कंपनी की ओर से नहीं की गई है (जब तक स्पष्ट रूप से न कहा गया हो)।
यह कंटेंट केवल सूचनात्मक और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। पाठक किसी भी वित्तीय या व्यावसायिक निर्णय लेने से पहले आधिकारिक स्रोतों की पुष्टि करें।
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